प्रचार सामग्री पर मुद्रक एवं प्रकाशक का नाम और पता होना जरूरी

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उल्लघंन पाये जाने पर होगी कार्यवाही।

भारत निर्वाचन आयोग द्वारा दिये गये दिशा-निर्देशानुसार पेम्पलेट्स, पोटर्स, पर्चे आदि प्रचार अथवा प्रिंट सामग्री पर मुद्रक एवं प्रकाशक का नाम और पता लिखा जाना अनिवार्य है। प्रकाशित सामग्री की प्रतियां, संख्या आदि की जानकारी निर्वाचन कार्यालय, व्यय लेखा शाखा, संबंधित रिटर्निंग अधिकारी और जिला पंचायत में स्थित मीडिया मॉनिटरिंग प्रकोष्ठ में जमा की जाना होगी। प्रिंट सामग्री में संख्या भी अंकित करना होगी। उल्लघंन पाये जाने पर संबंधितों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जायेगी। इसमें 06 माह तक का कारावास, 2 हजार रूपये तक का जुर्माना अथवा दोनों से दंडित किये जाने का प्रावधान है।
मुद्रक एवं प्रकाशकों से कहा गया है कि वे लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 की धारा-127 (क) और भारत निर्वाचन आयोग द्वारा दिये गये दिशा-निर्देशों का अनिवार्य रूप से पालन सुनिश्चित करें। पालन नहीं होने पर संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। शुचितापूर्ण निर्वाचन के लिए यह अनिवार्य है कि सभी प्रकाशक एवं मुद्रक प्रिंट एवं प्रचार सामग्री में मुद्रक एवं प्रकाशक का नाम, पता, प्रसारित की जाने वाली सामग्री की संख्या अनिवार्य रूप से अंकित करें। प्रकाशित सामग्री की प्रतियां जिला निर्वाचन कार्यालय, व्यय लेखा शाखा, रिटर्निंग अधिकारी और जिला पंचायत में स्थित मीडिया मॉनिटरिंग प्रकोष्ठ में जमा करना जरूरी होगा। मुद्रित एवं प्रकाशित सामग्री के आधार पर खर्चा प्रत्याशी के व्यय लेखा में जोड़ा जायेगा। कोई भी प्रकाशक एवं मुद्रक ऐसी सामग्री प्रकाशित नहीं करें जिससे कि आचार संहिता का उल्लघंन होता हो। समाज में घृणा फैलाने, धार्मिक भावनाओं को भड़काने सहित अन्य आपत्तिजनक सामग्री किसी भी हाल में प्रकाशित नहीं की जाये। निर्धारित प्रारूप में जिला निर्वाचन कार्यालय को जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिये गये।

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