संभागायुक्त द्वारा महिला बाल विकास विभाग की समीक्षा
लाड़ली बहना सेना को स्वरोजगार से जोड़ने के निर्देश
दस से अधिक परियोजना अधिकारियों को नोटिस
संभागायुक्त श्री मालसिंह ने महिला एवं बाल विकास के समस्त परियोजना अधिकारियों और सुपरवाइज़र को निर्देशित किया है कि वे निरंतर क्षेत्र भ्रमण पर रहें और विभाग की जो मंशा एवं कार्य उद्देश्य हैं, उसे शत प्रतिशत धरातल पर उतारें। संभागायुक्त श्री मालसिंह ने आज इंदौर संभाग के महिला एवं बाल विकास विभाग के समस्त कार्यक्रम अधिकारियों और परियोजना अधिकारियों की बैठक लेकर विभागीय गतिविधियों की समीक्षा की। कार्य में शिथिलता पाए जाने पर उन्होंने दस से अधिक परियोजना अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश भी दिए। संभागायुक्त कार्यालय से संयुक्त संचालक महिला एवं बाल विकास सुश्री संध्या व्यास एवं जिला कार्यक्रम अधिकारियों सहित गूगल मीट के माध्यम से संभाग के समस्त परियोजना अधिकारी बैठक में शामिल हुए।
संभागायुक्त श्री मालसिंह ने लाड़ली बहना योजना की विस्तार से समीक्षा की। बैठक में बताया गया कि इस योजना के तहत द्वितीय चरण में इन्दौर संभाग में 82 हजार 257 पंजीयन हुए हैं। संभागायुक्त ने इनके बैंक खातों सहित अन्य प्रक्रिया शीघ्रता पूर्वक पूरी करने के निर्देश दिए। संभागायुक्त श्री मालसिंह ने लाड़ली बहना योजना के तहत उन प्रकरणों की जानकारी ली, जिनमें संबंधित हितग्राही को भुगतान असफल रहा है। इंदौर ज़िले में 1727 महिलाओं को हितलाभ नहीं मिलने पर उन्होंने कड़ी नाराज़गी जतायी और जिला कार्यक्रम अधिकारी से पूरी लिस्ट तलब की। उन्होंने जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री राम निवास बुधोलिया को कड़े शब्दों में चेताया कि वे अभियान चलाकर इनकी बैंक संबंधी अथवा अन्य कोई भी कमी या जो भी हो, उसे दुरुस्त कराएं। उन्होंने कहा कि आगामी 5 सितंबर तक प्रत्येक प्रकरण में कमियों की पूर्ति हो जानी चाहिए।
लाड़ली बहना सेना को जोड़ें स्वरोजगार से
संभागायुक्त द्वारा लाड़ली बहना सेना के संबंध में अब तक के कार्यों की भी जानकारी ली गयी। बैठक में सुश्री संध्या व्यास ने बताया कि संभाग के 7333 ग्रामों में लाड़ली बहना सेना का गठन हो चुका है। इनमें एक लाख सात हजार 157 सदस्य हैं। इन सभी का प्रशिक्षण भी हो चुका है। संभागायुक्त श्री मालसिंह ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा है की लाड़ली बहना सेना की प्रत्येक महिला सदस्य लखपति बने। उसे माह में कम से कम 10 हज़ार रुपये की आय सुनिश्चित होनी चाहिए। संभागायुक्त ने कहा कि इस लक्ष्य के अनुरूप महिलाओं को स्व सहायता समूह से जोड़े और उन्हें रोज़गार और आय के साधनों से सम्पन्न बनाएँ। उन्होंने कहा कि लाड़ली बहनों को जल जीवन मिशन और उपार्जन कार्यों से जोड़ा जाए। उन्हें एक सुनिश्चित आमदनी हो सके। संभागायुक्त ने इस संबंध में सभी जिला कार्यक्रम अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अपने ज़िले में स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप रोज़गार की संभावना तलाशने और लाड़ली बहना सेना के सदस्यों को रोज़गार से जोड़ने का जतन करें।
प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना में बड़वानी आगे, इंदौर पीछे*
संभागायुक्त श्री मालसिंह ने बैठक में प्रधानमंत्री मात्तृ वंदना योजना की समीक्षा भी की। समीक्षा में उन्होंने इंदौर ज़िले को इस योजना में पीछे रहने पर असंतोष जताया। इंदौर प्रदेश में 42वें स्थान पर है। उन्होंने निर्देशित किया कि जिला कार्यक्रम अधिकारी इस संबंध में ठोस कार्य करें और अपनी रैंक सुधारें। उल्लेखनीय है कि संभाग का बड़वानी जिला प्रदेश में दूसरे स्थान पर है, वहीं धार जिला छठवें स्थान पर है।
लाड़ली लक्ष्मी योजना में परियोजना अधिकारियों को नोटिस
बैठक में संभागायुक्त द्वारा लाड़ली लक्ष्मी योजना की भी समीक्षा की गई। इस योजना में जिन परियोजनाओं में लक्ष्य अनुरुप कार्य नहीं हुआ है उन सभी के परियोजना अधिकारियों को उन्होंने कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। भगवानपुरा परियोजना में 345 प्रकरण कम उम्र के कारण लंबित पाए गये। संभागायुक्त ने जब परियोजना अधिकारी से पूछा तो उन्होंने बताया कि उम्र से पहले विवाह के कारण 345 प्रकरणों में योजना का लाभ नहीं दिया जा सका है। संभागायुक्त श्री मालसिंह ने इसे नाकामी कहा और पूछा कि क्या विभागीय अमला बाल विवाह रोकने में सफल नहीं हुआ है। उन्होंने धार ज़िले के कुक्षी बाग, खंडवा ज़िले के छैगांव माखन, खालवा, बलड़ी, आलीराजपुर ज़िले के कट्ठीवाड़ा, उदयगढ़, बुरहानपुर एवं झाबुआ ज़िले में रामा को छोड़कर शेष सभी परियोजना अधिकारियों को कम प्रगति पर कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अभी दो माह की वेतनवृद्धि रोकने का नोटिस दिया जा रहा है। भविष्य में सुधार नहीं हुआ तो और भी कड़ी अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने चेतावनी भी दी कि अगर पर्यवेक्षण में कमी रही तो अगली बार संबंधित ज़िलों के जिला कार्यक्रम अधिकारियों पर भी कार्यवाही की जाएगी। बैठक में संभागायुक्त द्वारा आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण, रिक्त पदों की पूर्ति और पोषण पुनर्वास केंद्रों की भी समीक्षा की गई।